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मर्द का दर्द | डीएम मुकेश पाण्डेय की आत्महत्या पर मंथन | Dm Mukesh Pandey Suicide Note

डीएम मुकेश पांडे एक सीधा साधा सरल इंसान,जिसने अपने घेरलू परेशानियों के चलते ट्रैन के ट्रैक से कट कर खुदखुशी कर ली। खुदखुशी करने से पहले उन्होंने बाकायदा अपना वीडियो बनाया जिसमे उन्होंने अपनी परेशानी साझा की, पारिवारिक झगड़ो के चलते यह इंसान बेतहाशा दुखी हो गया था, उन्होंने ये कहा अति हर चीज़ की बुरी है, रोज रोज के झगड़ो से तंग आकर इस इंसान को आत्महत्या एक बेहतर उपाय लगा।

सवाल ये है कि लोग एक मर्द का दर्द क्यों नही समझते। इंटरनेट पर सोशल मीडिया पर लोग मुकेश को एक कायर इंसान बता रहे है, पर उस इंसान ने किन परिस्थितियों में ये कदम उठाया ये कोई क्यों नही समझता।
अक्सर बीवी और माँ बाप के झगड़े में बिचारा फसता मर्द ही है, बीवी की सुने तो जोरू का गुलाम, माँ बाप की सुने तो बीवी के ताने। 
"तुम्हे तो अपने माँ बाप ही सही लगते है, अगर ऐसा ही करना था तो शादी क्यों की"
"तुमसे शादी कर के मेरी जिंदगी बर्बाद हो गयी है"
"बेटा तूने ही इसे माथे पर चढ़ा रखा है"
"हां हा अब तो तू इसी की सुनेगा, माँ बाप ने किया क्या है तेरे लिए"
इसमे कोई शक नही कि इमोशनल अत्याचार मर्द पर होता ही है। औरतो की खूबी है कि वो रो धोकर अपना दर्द हल्का कर लेती है, पर बिचारा मर्द वो कहाँ जाए। 
जरूरी नही विक्टिम हमेशा महिला ही हो, महिलाओ के साथ पुरुषो को भी अपनी जिंदगी में बहुत सारे sacrifice करने पड़ते है, शायद वो इसे ढिंढोरा पीट कर बता नही सकते।
हम कौन होते है उस इंसान को कायर बोलने वाले जब हम उसकी मनोदशा नही समझ सकते।
एक बार इत्मिनान से बैठिये और सोचिये क्या बलिदान हमेशा महिलाये ही देती है, पुरुष भी तो उनसे कंधा मिलाकर चलता है, वो भी तो उसका सुख दुख का साथी होता है तो समाज की उंगलियां पुरुषो पर क्यों उठती है, कि इसे देखो एक औरत को नही संभाल पाया।
कैसी मानसिकता है?एक बार विचार जरूर करे, आखिर मर्द को भी दर्द होता है।
Article By:

डॉ शिल्पा जैन सुराणा
PhD M.Phil MBA
वारंगल
तेलंगाना

कुछ याद उन्हें भी करलो जो लौट के घर न आये | A Poem On Independence Day

अंग्रेजी शासन के क्रूर अत्याचारो,अनैतिक यातनाओं दमनकारी नीतियों से त्रस्त भारतीय जनता में असंतोष का स्वर फूटा। आगे चलकर यही स्वर स्वाधीनता आंदोलन के रूप में परिणित हो गया। इस आन्दोलन में भारत के जन-जन ने हिस्सा लिया। सभी ने भारत माता की जय के उद्धोष के साथ स्वतन्त्र होने का संकल्प लेकर लडाई लडी। इस लडाई में देश के अनेक वीर सपूत शहीद हो गये। एक लम्बे संधर्ष के बाद देश स्वतन्त्र हो गया। पन्द्रह अगस्त 1947 का वह नया सवेरा खुशियाॅ लेकर प्रस्तुत हुआ लेकिन आजादी के लगभग 70 वर्ष बीतने के बाद आज हम उन शहीदों,महापुरूषों को भूलते जा रहे है। उनके संधर्षी जीवन को विस्मृत करने जा रहे है। इसी भाव भूमि पर प्रस्तुत है,यह कविता (independence day poem in hindi)।




independence day poem for 15 august

मातृभूमि के लिये जिन्होने दे दी अपनी जान।
ऐसे वीर बांकुरों को क्यों भूला हिन्दोस्तान।।
                    प्राणों की आहुति देकर जो नया सवेरा लाये।
                  स्वाधीनता समर में जिनने गीत मात के गाये।।

 गोरों से ललकार कहा था भाग दुष्ट व्यापारी।
भारतवर्ष हमारा तुम हो यहाँ कहाँ से आये।।
                    बन्दी मां की लाज बचाना ही थी जिनकी शान।
                    ऐसे वीर बांकुरों को क्यों भूला हिन्दोस्तान।।
  
माथे पर थी रोली जिनके सिर पर कफन बधा था।
जिनके हाथों सदा तिरंगा झण्डा फहर रहा था।।
                    आतातायी गोरों को था जिनने खूब छकाया।
                   जिनकी हुंकारों से सारा लन्दन दहल उठा था।।
 मिटा दिया अपने को लेकिन रखी जिन्दा आन।
 ऐसे वीर बांकुरों को क्यों भूला हिन्दोस्तान।।

                   याद करो झासी वाली रानी के रण कोशल को।
                   याद करो सब पीर अली के हाहाकारी छल को।।
याद गुलाम गौस खाँ की तोपो की करनी होगी।
याद करो झलकारी बाई के बलिदान प्रबल को।।
                   आजादी की दीपशिखा पर दहके शलभ समान।
                   ऐसे वीर बांकुरों को क्यों भूला हिन्दोस्तान।।

मातृभूमि पर हुए निछावर हम उनको नमन करें।
उनके चित्रों पर पुष्पाजंलि देकर स्तवन करें।।
सत्यं शिवम सुन्दरम् के सत्पथ का अनुगमन करें।
 धर में धुसे पीर अलियों जयचन्दों का दमन करें।।
                   बच्चे-बूढें-युवा सभी मिल छेडो नूतन तान।
                   ऐसे वीर बांकुरों को क्यों भूला हिन्दोस्तान।।


About Author: 

महेश पाण्डेय जी का हिंदी के प्रति विशेष प्रेम है, हिंदी कवितायेँ, कहानियां और राजनीति के विषयों पर अपनी प्रतिक्रिया देने में इनकी विशेष रूचि है। इनके लेख दैनिक जागरण में प्रकाशित होते रहते हैं।

दल-बदल राजनीति का एक और युग | Another era of party-changing politics

इस समय भारतीय राजनीति में इस्तीफों का दौर अपने चरम विन्दु पर है जोकि निश्चित तौर पर हैरान कर देने वाला है I हाल ही में गुजरात और इससे पहले दिल्ली, गोवा तथा उत्तर प्रदेश में भी इसका असर देखने मिला I इन इस्तीफों में ज्यादातर राजनीति के दिग्गज चेहरे शामिल थे यही नहीं 2013 से अब तक विभिन्न न्यायालयों द्वारा एक दर्जन के आसपास सांसदों तथा विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया जिसमे तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता से लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जैसे राजनीति के प्रकांड विद्वान शामिल थे I 

शिवजी का जन्म कैसे हुआ | Birth Of Shiv ji By shiv puran in hindi

देवों के देव महादेव अर्थात शिव जी को कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं की शिव जी को देवों का देव क्यों कहा जाता है| कौन इस ब्रह्माण्ड में पहले आया, ब्रम्हा विष्णु या महेश(शिव जी)| शिव जी का जन्म कैसे हुआ था ( shiv ji ka janm kaise hua). शिव जी की उत्पत्ति कैसे हुई थी, शिव जी कैसे पैदा हुए थे, शिव जी के माता और पिता का क्या नाम था| ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब हर कोई जानना चाहता है और शिव पुराण की कथाओ का अध्यन करना चाहता है|

आप यहाँ जो भी पढेंगे वो मैं यूँ ही नहीं बता रही हूँ उसके पीछे कोई न कोई तथ्य है और कारण है| यह किसी न किसी ग्रन्थ से जुदा हुआ है| शिव जी का जैम कैसे हुआ इसका उत्तर आपको शिव पुराण में देखने को मिल जायेगा| लेकिन आप अगर पढने बैठेंगे तो आपको अधिक वक्त देना होगा तो चलिए जानते हैं की आखिर शिव जी कैसे पैदा हुए थे|

अगर आप कोई भी पुराण या ग्रन्थ पढ़ेंगे तो आपको कहीं भी यह नहीं पता चलेगा कि शिव जी कब और कैसे पैदा हुए थे। दरअसल हम सभी इतना जानते हैं कि ब्रम्हांड में एक शक्ति पहले से ही स्थित थी, जिसे ईश्वर के नाम से भी जानते हैं, और जिसका कोई न तो आकार था न ही कोई स्वरुप, यही शक्ति शिवजी का निष्कल रूप थी।

लेकिन अभी तक न तो ब्रम्हांड में कोई जीव था न ही जंतु, एक बार ईश्वर ( शिव जी) ने श्रष्टि की रचना करने के बारे में सोचा, तब उन्होंने विष्णु जी को बनाया और विष्णु जी की नाभि से उन्होंने कमल पैदा किया फिर ब्रह्मा जी का जन्म हुआ, विष्णु जी पाताल में रहते और ब्रम्हा जी समुद्र के ऊपर । इसी कारण से एक दूसरे के होने का पता भी नहीं चला।

एक दिन जब विष्णु जी सैया पर लेटे हुए थे तभी वहां पर ब्रम्हा जी आ गए और विष्णु जी से पुत्र कहकर बोलने लगे और कहा, हे! पुत्र उठो मैं तुम्हारा ईश्वर हूँ और मेरी पूजा करो। इस बात पर विष्णु जी ने भी कह दिया कि हे! पुत्र मैं तुम्हारा ईश्वर हूँ और तुम्हारा जन्म ही मेरी नाभि से हुआ है, इसलिए तुम मेरी पूजा करो।
दोनों में बहस बहुत अधिक बढ़ गयी , बहस होते होते दोनों एक दूसरे से लड़ने लगे और युद्ध होने लगा। ब्रह्मा जी ने विष्णु की छाती पर प्रहार किया, तो विष्णु जी ने भी ब्रह्मा जी पर करारा प्रहार किया।

दोनों में युद्ध बहुत बढ़ गया, तब ईश्वर को प्रतीत हुआ कि उन्हें इस युद्ध को शान्त करवाना चाहिए। परंतु किसी को यह पता नहीं था कि इनके अलावा भी कोई इस ब्रह्माण्ड में उपस्थित है।

तभी ईश्वर अर्थात शिवजी ने एक विराट स्तम्भ का रूप लिया और अचानक ब्रम्हा और विष्णु के बीच आ गए। यह स्तम्भ सूर्य की तरह प्रकाशवान था। इससे भीषण आग और तेज़ रोशनी निकल रही थी, आग निकलने के कारण दोनों अलग हो गए और तब उन्हें प्रतीत हुआ की उनके बीच में यह क्या आ गया।

यह शिवजी का लिंगरूप था। अब दोनों आश्चर्य में आ गए की ये विशाल स्तम्भ कहाँ से आ गया, जब इस ब्रह्माण्ड में हम दोनों ही हैं तब यह स्तम्भ किसने प्रकट किया।

ब्रह्मा जी बोले: जो इस स्तम्भ का पता करेगा वही श्रेष्ठ होगा और वही ईश्वर कहा जायेगा।

इसका पता लगाने के लिए विष्णु जी स्तम्भ के नीचे गए और ब्रह्मा जी स्तम्भ के ऊपर गए। विष्णु जी ने शूकर का रूप लिया और नीचे की ओर गए, ब्रम्हा जी ने हंस का रूप लिया और ऊपर की तरफ गए।
विष्णु जी नीचे जाते जा रहे थे , लेकिन उन्हें कोई अंत नहीं मिला, तब उन्होंने सोचा की अब मैं हार गया, और ब्रह्मा जी ईश्वर कहलायेंगे।

ठीक ऐसे ही ब्रह्मा जी भी ऊपर जाते जा रहे थे, लेकिन उन्हें कोई अंत नहीं मिला, फिर उन्होंने केतकी का फूल देखा और उसे सबूत के तौर पर ले आये। लेकिन वो जानते थे की यह सच नहीं है।

दोनों एक स्थान पर आ गए , और तब विष्णु जी ने कहा कि मुझे अंत नहीं मिला, पर ब्रह्मा जी ने झूठ बोलते हुए कहा कि मुझे अंत मिल गया, फिर उन्होंने कहा कि मैंने स्तम्भ के ऊपर इस पुष्प को पाया। तब विष्णु जी ब्रह्मा जी के पैरों पर गिर गए।

यह सारा वृतान्त शिवजी देख और सुन रहे थे, ब्रह्मा जी को झूठ बोलता देख शिव जी को प्रकट होना पड़ा, तब उन्होंने पहली बार अपना साकार रूप दिखाया। उन्होंने बताया कि मैं ही सब हूँ, जो कुछ भी हो रहा है , मेरे द्धारा हो रहा है, मैंने ही तुम दोनों को जन्म दिया है, मैं ही ईश्वर हूँ और तुम मेरी पूजा करो।

उन्होंने बताया कि यह स्तम्भ मेरा ही निष्कल रूप है जिसका कोई आकार नहीं, और न ही इसका कोई अंत है, मैं ही हूँ जिसके दो रूप हो सकते हैं, एक तो मेरा साकार रूप जिसमे तुम मुझे देख रहे हो और दूसरा मेरा लिंग रूप, जो निष्कल रूप है। हे ब्रम्हा तुम झूठ बोल रहे हो, कि तुमने इस स्तम्भ का अंत देखा।

तो आप सभी ने जाना कि आखिर शिव जी की उत्पत्ति कैसे हुई और कैसे ब्रह्मा जी और विष्णु जी में युद्ध हुआ। यह सारा तथ्य शिव पुराण के अनुसार है, इसके आगे की  भी कहानी है, जिसमे ब्रह्मा जी के झूठ बोलने पर उन्हें सजा दी गयी|

Watch video in hindi:





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बिना इंटरनेट के व्हाट्सएप्प चलायें | How To Use Whatsapp Without Internet

Whatsapp आज सभी की ज़रुरत बन चुका है, यह social media का नशा ही है जो की शख्स बिना खाये पिए और बिना घर से निकले पूरे दिन whatsapp use कर सकता है। ऐसे ही लोगों के लिए एक खुशखबरी लेकर आया हूँ, जिसमे आप बिना इंटरनेट के व्हाट्सएप्प चला सकते हैं। Bina internet ke whatsapp kaise chalaye इसकी पूरी जानकारी तो नहीं मिल पाएगी, लेकिन आपको यह जानकारी ज़रूर मिलेगी की कैसे बिना इंटरनेट के free me whatsapp use किया जाता है।




Bina Net Ke Whatsapp Chalane Ki Trick:


खबर जाने के लिए आप बहुत उत्सुक हैं, यह मैं समझ रहा हूँ, लेकिन थोड़ा सब्र करें। सबसे पहले तो मैं आपको बता दूं कि आपको एक सिम खरीदनी होगी, इसी sim की ही यह खासियत है कि इसके द्धारा free whatsapp, Facebook messanger, Line, wechat जैसे कई social media application without internet चला सकते हैं। तो चलिए जानते हैं यह सिम कौन सी है जिससे फ्री इन्टरनेट चलाया जाता है।

whats is chat sim in hindi, use whatsapp free in hindi


Free Internet Sim:


इतना इंतज़ार करने के बाद मैं आपको बता दूं कि इस sim का नाम है Chat Sim. चैट सिम इंडिया में भी चलायी जा सकती है। चाट सिम इस समय इंडिया के अलावा 150 countries में available है। आप Chat Sim से लगभग सभी android application free me use कर सकते हैं। लेकिन अब सवाल उठता है कि यह chat sim kaise khareede, यह chat sim kaha milegi, और न जाने कितने सवाल, चलिये मैं आपके सारे जवाब दे देता हूँ।




Chat Sim Kaise Khareede:


Free internet chalne wali sim yani ki chat sim आपको किसी बाजार में नहीं मिलेगी, न ही कोई ऐसा स्टोर है जहाँ से आप इसे खरीद सकें। chat sim online order करके 900 रुपये में मंगाई जा सकती है।
यह एक ऐसी sim है जो की विश्व की पहली सिम है जो की लगभग हर android application बिना इन्टरनेट के चलता है। अगर आपको यह सिम खरीदनी है तो आप इस chat sim ko kaise khareedenge इसकी जानकारी मैं आपको next article में दूंगा। तो आज आपने जाना की बिना इंटरनेट के whatsapp और facebook कैसे चलाये।



आज मैंने आपको ये बता दिया है की chat sim kya hoti hai, aur free me whatsapp kaise chalaye, ya free me internet kaise chalye, अब अगले article में आपको  chat sim kaha se khareede, aur chat sim mobile me kaise use kare, इसके बारे में बताएँगे.

इसे अब जल्द से जल्द social media पर share कर दे और अपने दोस्तों को बताये की फ्री में whatsapp कैसे use करते हैं|

Whatsapp Me Bold, Italic Aur Crossed Text Kaise Likhen

Whatsapp दुनिया का सबसे ज्यादा use करने वाला massager application है। लोगो को अपनी ओर आकर्षित करते रहना और नए यूजर जोड़ना इसकी खासियत है। इसका मुखुआ कारण है कि whatsapp update । whatsapp अपने users को कोई न कोई update जल्दी ही देता रहता है।

अभी कुछ ही दिनों पहले new updates आयी है। जिनमे आप लिखे हुए text को italic, bold और crossed style (strike through) में लिख सकते हैं| Whatsapp के बढ़ते चलन के कारण इसे कोई छोड़ नहीं प् रहा है | लेकिन technology से हमें इतना ही जुड़ना चाहिए जिससे कोई नुक्सान न हो|

bold italic and crossed text in whatsapp


चलिए अब जानते हैं कि bold , italic और crossed text कैसे लिखा जाता है | लेकिन उससे पहले आपको अपने whatsapp को Update करने की ज़रुरत है | आपका whatsapp version 2.12.17 build होना चाहिए|

Bold text कैसे लिखें:

whatsapp में अगर आप bold में लिखना चाहते हैं तो ऐसा नहीं है की आपको कोई software उसे करना पड़ेगा| Bold लिखने का मतलब है कि मोटा कैसे लिखा जाये| इसके लिए आपको जो भी text मोटा यानि की bold करना है उसके आगे और पीछे * लगा दे| जैसे Example के लिए -

Main Raja hoon में अगर आप Raja को bold करना चाहते हैं तो आप ऐसे करें|
Main *Raja* hoon. 
तब आपको Main Raja hoon लिखा हुआ दिखेगा जिसमे Raja bold होगा |



Italic text कैसे लिखें:

whatsapp में italic text लिखने के लिए आपको _ sign का use करना होगा | ठीक जिस तरह से bold लिखने के लिए आप * लगाते थे ठीक वैसे ही इसमें _ का use करना है | Example के लिए -

Main Raja hoon में Raja को italic करने के लिए ऐसे लिखें|

Main _Raja_ hoon.


StrikeThrough text कैसे लिखें:

Strikethrough text का मतलब है कि जो आपने लिखा है अब use काटना चाहते हैं तो cross हो जाता है , इसके लिए आप इसे जहा use करना चाहते हैं वहां ~ sign का use करे. चलिए example देखते हैं -

Main ~Raja~ hoon. जब आप इसतरह से लिखेंगे तब आपको ऐसा रिजल्ट दिखेगा|

Main Raja hoon. 


Bold और Italic साथ :

अगर bold किये हुए वर्ड को italic भी करना चाहते हैं तो नीचे दिया हुआ ट्रिक use करें|

_*God*_ को जब आप इस तरह से लिखेंगे तब आपको God दिखेगा |

तो दोस्तों आज आपने whatsapp में bold, italic, strikethrough text लिखना सीखा| इसके साथ ही आपने bold and italic दोनों एक साथ लिखना सीखा| अगर आपको हमारा article पसंद आया है तो प्लीज इसे शेयर करे और दूसरों को भी सिखाये|

अजन्मी बेटी की आवाज | Save Baby Girl | Beti Bachao Abhiyan Vichar

‘’माँ मुझे मत मारो, माँ मुझे संसार में आने दो’’| माँ मैं आपकी बाहों में झूलना चाहती हूँ , लोरी सुनकर सोना चाहती हूँ , आपके आँचल में छुपकर अठखेलियाँ करना चाहती हूँ , अपने नन्हे-नन्हें पांव में पायल पहन कर छन-छन की आवाज से मैं आप और पापा के मन को मोहित करना चाहती हूँ | माँ मुझे संसार में आने से पहले क्यों मार रही हो ? माँ मैं आपके ऊपर भार बनकर नहीं रहूंगी, क्या माँ सचमुच आप जो कर रही हो वो अपने मन से कर रही हो या गर्भ में ही मुझे मारने पर आपको विवश किया जा रहा है | माँ मुझे पता है कि कोई भी माँ अपनी बेटी के साथ ऐसा खिलवाड़ नहीं करेगी | पर आप क्यों ?

Please  माँ मुझे जीवन दे दो मैं दादी-बाबा , ताऊ-ताई , नानी-नाना , सभी की गोद में खेलना चाहती हूँ | मैं आपके प्रेम भरे अहसास को महसूस करना चाहती हूँ |माँ मुझे पता है की आप के दिल में मेरे लिये कितना दर्द है , आप चाह कर भी मुझे जन्म नहीं दे पा रहीं हैं |

save baby child - save girl baby


धिक्कार है माँ आपकी ममता पर जो आपको अपनी कोख में पल रही बेटी की आवाज नहीं सुनाई दे रही है या फिर आप ना सुनने का बहाना कर रही हो | माँ ऐसा क्या है जो आपको ऐसा करने पर मजबूर कर रहा है | क्या आप भी एक बेटे की चाह में मुझे गर्भ में ही मार देना चाहती हैं | माँ आप सिसकियाँ क्यों भर रही है , आप के रोने की आवाज मुझ तक आ रही है माँ मैं आपको सुन सकती हूँ महसूस कर सकती हूँ पर देख नहीं सकती क्योंकि मुझे पता है कि आप ये देखने का मौका मुझे नहीं मेरे भाई को देंगी |

माँ क्या मेरी आवाज आप तक नहीं पहुँच रही है या आप सुनकर भी खामोश हैं या फिर आप दिल में दर्द भरकर भी खुश होने का नाटक कर रहीं हैं , अरे माँ ! आपकी आँखों में आंसू जो थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं , माँ आप के आंसुओ से मेरा कलेजा भीग सा रहा है आपका आंतरिक करुण क्रंदन मुझे झकझोर रहा है पर माँ मैं आपको कैसे समझाऊँ कि पारिवारिक या सामाजिक दबाव में आप जो कदम उठाने जा रही है वो ठीक नहीं है , आप मुझे क्यों नहीं इस दुनियां में आने देना चाहती हैं |

मेरी माँ मुझे Feel करने की कोशिश तो करो मैं आप का ही एक Part हूँ , माँ मुझे जन्म दो मैं आपके सपनों को साकार करना चाहती हूँ | माँ अपने अन्तर्मन 3की आवाज सुनने की कोशिश करो अब समय बदल चुका है आज के समय में बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं है | बेटियां हर Field में अब कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है फिर ये सब जानते हुए भी आप क्यों भ्रमित हो रही हैं | एक बेटे की खोखली चाह में आप बेटी की बलि क्यों दे रही हैं |

आज की दुनियां नश्वर वादी होकर ईश्वर की अलौकिक शक्तियों को दुत्कार रही है| Science लगातार नये नये अविष्कार करके संसार में रहने वाले समस्त जनों को भड़का रहा है कि इस संसार में God नहीं है फिर तुम क्यों उसकी पूजा करते हो | नई-नई वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से बेचारी अजन्मी लडकियां गर्भ में ही मृत्यु का शिकार बन रही है | आखिर क्या गलती है इन कन्यायों की और क्या गलती है उन माँओं की जो अपनी ममता को गोद में आने से पहले ही कोख में मार देती हैं | ये कारनामें उन महिलाओं के हैं जो चाह कर भी खुद में कुछ नहीं कर सकती हैं लेकिन परतंत्रता की शिकार हैं | उनका उठना , बैठना , खाना , पीना , घूमना फिरना यहाँ तक कि पति के साथ सोना , बच्चे पैदा करना भी दूसरों पर निर्भर है |

औरत वह है जिसके साथ गलत हो रहा है उसे झूठ का शिकार बनाया जा रहा है उसे दो बच्चे पैदा करने हैं चाहें लड़का हो या लड़की | उसे अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देनी है यह सब कुछ जानते हुए भी एक अनजान पहेली की तरह सब कुछ सहती रहती है और कभी घर वालों का विरोध नहीं करती सिर्फ इसलिये कि समाज क्या कहेगा | इस धुन में ये आदर्श वादी महिलायें कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए खुद का शिकार हो जाती हैं |

महिलायें ये भी नहीं सोचती कि आखिर कब तक इन कर्तव्यों का पालन किया जायेगा और कब तक गर्भ में ही इन कन्याओं की बलि चढ़ती रहेगी | समय तेजी से बदल रहा है सभी महिलाओं को गर्भ में मारने से पहले अपनी उस अजन्मी बेटी की आवाज जरूर सुननी चाहिये जो संसार में आने के लिए सिसकियाँ भर रही है |

बेटियों को जन्म जरूर दो और अपने प्यार से उसके अन्तर्मन को सींच दो | बेटियां बेटों से कम नहीं है बस उन्हें अच्छी परवरिश की जरूरत है , बेटियां माँ बाप के लिए उनके जीवन की अमूल्य धरोहर हैं | बेटियां निस्वार्थ भाव से अपने माता पिता को प्रेम करती हैं और अपनी खुशियों के लिये कभी भी माँ बाप का गला नहीं घोटती हैं |


अतः मेरा सभी से निवेदन है कि गर्भ में मारी जाने वाली बच्चियों को बचाओ महिलाओं में जागरूकता लाओ कि बेटे और बेटी में कोई अंतर नहीं है और दोनों को सामान भाव से देखना चाहिये |